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विजया एकादशी 2024
विजया एकादशी 2024
विजया एकादशी
06
मार्च 2024
Wednesday / बुधवार
विजया एकादशी एक महत्वपूर्ण व्रत है जो फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में आता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
विजया एकादशी का महत्व:
- विजया एकादशी को सभी एकादशियों में श्रेष्ठ माना जाता है।
- यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है।
- यह व्रत करने से व्यक्ति को जीवन में विजय प्राप्त होती है।
- मोक्ष प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है।
एकादशी तिथि प्रारम्भ - मार्च 06, 2024 को 06:30 ए एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त - मार्च 07, 2024 को 04:13 ए एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त - मार्च 07, 2024 को 04:13 ए एम बजे
व्रत विधि:
- एकादशी तिथि को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान विष्णु की पूजा करें और उनसे व्रत पूर्ण करने की प्रार्थना करें।
- "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें।
- दिन भर उपवास रखें और दान-पुण्य करें।
- तुलसी जी की पूजा करें।
- अगले दिन, द्वादशी तिथि को, ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।
व्रत की कथा:
एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को विजया एकादशी व्रत की कथा सुनाई थी। कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक चंद्रावती नामक नगरी में एक राजा थे। एक बार राजा ने गलती से एक ब्राह्मण की हत्या कर दी। इस पाप से मुक्ति पाने के लिए राजा ने कई उपाय किए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अंत में, एक ऋषि ने राजा को विजया एकादशी व्रत रखने की सलाह दी। राजा ने विधि-विधान से विजया एकादशी व्रत रखा। व्रत के प्रभाव से राजा को अपने पाप से मुक्ति मिल गई और उसे मोक्ष प्राप्त हुआ। यह कथा हमें सिखाती है कि विजया एकादशी व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष प्राप्ति होती है। यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस व्रत को करता है, उसे जीवन में सभी क्षेत्रों में विजय प्राप्त होती है।
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