Safla Ekadashi : सफला एकादशी January 2024

Safla Ekadashi 2024 सफला एकादशी
07 Jan

Safla Ekadashi सफला एकादशी

  • 12:41 am
  • India

07 January 2024, रविवार

सफला एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

7 जनवरी, 2024 के लिए सफला एकादशी का मुहूर्त

सफला एकादशी का महत्व :-

सफला एकादशी का महत्व बहुत अधिक है। इस दिन भगवान विष्णु का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को धन, वैभव, यश और मान-सम्मान प्राप्त होता है। सफला एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और वह मोक्ष प्राप्त करता है।

सफला एकादशी की कथा :-

सफला एकादशी की कथा पद्मपुराण में वर्णित है। इस कथा के अनुसार, चम्पावती नगरी में एक महिष्मान नाम का राजा राज्य करता था। उसके चार पुत्र थे। उनमें लुम्पक नाम का बड़ा राजपुत्र महापापी था। वह सदा परस्त्री और वेश्यागमन तथा दूसरे बुरे कामों में अपने पिता का धन नष्ट किया करता था। लुम्पक के पापों से परेशान होकर राजा ने उसे एक साधु के पास भेजा। साधु ने लुम्पक को सफला एकादशी का व्रत रखने का उपदेश दिया। लुम्पक ने साधु की बात मानकर सफला एकादशी का व्रत रखा। व्रत के प्रभाव से लुम्पक का हृदय परिवर्तन हो गया और वह एक सच्चे भक्त बन गया।

सफला एकादशी की पूजा विधि :-

सफला एकादशी के दिन प्रातःकाल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु की पूजा करें। भगवान विष्णु को फल, फूल, तुलसी, चंदन, अक्षत, रोली, धूप, दीप आदि अर्पित करें। भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। सफला एकादशी के दिन रात्रि जागरण करें और भगवान विष्णु की कथा सुनें।

विवरण सफला एकादशी
महत्व सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, धन, वैभव, यश और मान-सम्मान प्राप्त होता है, पापों का नाश होता है और मोक्ष प्राप्त होता है
कथा पद्मपुराण में वर्णित, राजा महिष्मान के पुत्र लुम्पक का हृदय परिवर्तन
नियम मांस, मछली, अंडा नहीं खाना, दिन में नहीं सोना, लड़ाई-झगड़ा नहीं करना

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