Shattila Ekadashi 2026: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और 6 प्रकार के तिल का महत्व

Shattila Ekadashi 2026 की सही तिथि, पारण का समय और पूजा विधि जानें। इस दिन तिल के 6 विशेष प्रयोगों से कैसे पाएं भगवान विष्णु की कृपा, पढ़ें पूरी जानकारी।
Lord Vishnu idol decorated with sesame seeds and flowers for Shattila Ekadashi 2026 puja

🔑 मुख्य बातें (Key Takeaways)

  • तिथि: 14 जनवरी 2026 (बुधवार)
  • पारण का समय: 15 जनवरी, सुबह 07:15 से 09:21 तक
  • मुख्य नियम: इस दिन तिल का 6 अलग-अलग तरीकों से उपयोग करना अनिवार्य है।
  • महत्व: यह व्रत पापों का नाश करने वाला और मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है।

वर्ष 2026 की शुरुआत हिंदू धर्म के कई प्रमुख व्रतों के साथ हो रही है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) के रूप में मनाया जाता है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है, ‘षट’ का अर्थ है छह और ‘तिला’ का अर्थ है तिल। इस दिन तिल का छह प्रकार से उपयोग करने की परंपरा है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी शीत ऋतु में स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।

जैसा कि हमने अपनी पिछली पोस्ट Happy New Year 2026 Wishes in Hindi में चर्चा की थी, नए साल की शुरुआत सकारात्मकता के साथ करना आवश्यक है, और यह एकादशी आपके आध्यात्मिक जीवन को नई दिशा देने का कार्य करती है।

Shattila Ekadashi 2026: शुभ मुहूर्त और तिथि

Shattila Ekadashi 2026 calendar date and sesame seeds
14 जनवरी 2026 को मनाई जाएगी षटतिला एकादशी

पंचांग के अनुसार, षटतिला एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। वर्ष 2026 में यह व्रत 14 जनवरी, बुधवार को रखा जाएगा। इस बार यह पर्व मकर संक्रांति के आसपास ही पड़ रहा है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।

Quick Facts: पंचांग विवरण

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 13 जनवरी 2026, दोपहर 03:17 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 14 जनवरी 2026, शाम 05:52 बजे
  • पारण (व्रत खोलने का समय): 15 जनवरी 2026, सुबह 07:15 से 09:21 तक
  • द्वादशी समाप्ति समय: 15 जनवरी, रात 08:16 बजे

षटतिला एकादशी का महत्व और तिल के 6 प्रयोग

पद्म पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति इस दिन तिल का दान और प्रयोग करता है, उसे उतने ही हजार वर्षों तक स्वर्ग में रहने का सौभाग्य प्राप्त होता है जितने तिल वह प्रयोग करता है। ‘षटतिला’ का अर्थ है तिल का छह प्रकार से उपयोग।

Your Action Checklist: तिल के 6 अनिवार्य प्रयोग

  1. तिल स्नान: नहाने के पानी में थोड़ा सा तिल मिलाएं।
  2. तिल उबटन: शरीर पर तिल का पेस्ट (उबटन) लगाएं।
  3. तिलोदक: पितरों को तिल मिला हुआ जल अर्पित करें (तर्पण)।
  4. तिल का हवन: पूजा के दौरान तिल से हवन करें।
  5. तिल का भोजन: फलाहार में तिल से बनी मिठाइयां या व्यंजन खाएं।
  6. तिल दान: ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को तिल का दान करें।

यदि आप माघ महीने के अन्य महत्वपूर्ण स्नानों के बारे में जानना चाहते हैं, तो हमारी गाइड Paush Purnima 2026: स्नान, दान और सही मुहूर्त जरूर पढ़ें, जहाँ हमने माघ मेले की शुरुआत पर विस्तार से चर्चा की है।

पूजा विधि (Step-by-Step Puja Vidhi)

Shattila Ekadashi Puja Thali with Sesame Seeds
पूजा में तिल का विशेष महत्व

षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के ‘नारायण’ स्वरूप की पूजा की जाती है।

  1. ब्रह्म मुहूर्त में उठकर तिल मिश्रित जल से स्नान करें।
  2. पूजा स्थल की सफाई करें और एक लकड़ी की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं।
  3. भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें और उनके सामने घी का दीपक जलाएं।
  4. भगवान को पंचामृत से स्नान कराएं, जिसमें तिल अवश्य मिलाएं।
  5. ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करते हुए तुलसी दल अर्पित करें।
  6. अंत में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और आरती उतारें।

Expert Pro-Tip

व्रत के दिन ‘नारियल’ और ‘सुपारी’ का अर्घ्य भगवान विष्णु को जरूर दें। ऐसा माना जाता है कि इससे आर्थिक तंगी दूर होती है। अधिक जानकारी के लिए आप Drik Panchang जैसे प्रतिष्ठित स्रोतों को भी देख सकते हैं।

षटतिला एकादशी व्रत कथा (Vrat Katha)

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार नारद मुनि ने भगवान विष्णु से षटतिला एकादशी का महत्व पूछा। भगवान विष्णु ने एक ब्राह्मणी की कथा सुनाई जो बहुत बड़ी भक्त थी और व्रत करती थी, लेकिन कभी दान नहीं करती थी। मृत्यु के बाद उसे स्वर्ग तो मिला लेकिन वहां भोजन के नाम पर उसे खाली बर्तन मिला। जब उसने भगवान से इसका कारण पूछा, तो उन्होंने बताया कि उसने कभी अन्न दान नहीं किया।

भगवान के आदेश पर उसने षटतिला एकादशी का व्रत रखा और तिल का दान किया, जिससे उसका घर धन-धान्य से भर गया। यह कथा हमें सिखाती है कि केवल पूजा-पाठ ही नहीं, बल्कि दान (Charity) भी मोक्ष का मार्ग है।

अगर आप व्रत और त्योहारों की तिथियों को ट्रैक करना चाहते हैं, तो हमारा लेख Sankashti Chaturthi 2026 Moonrise Calendar आपके लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।

निष्कर्ष

षटतिला एकादशी 2026 न केवल आत्म-शुद्धि का अवसर है, बल्कि यह समाज सेवा और दान का भी पर्व है। तिल का उपयोग कर हम अपने स्वास्थ्य और भाग्य दोनों को संवार सकते हैं। सही मुहूर्त और विधि का पालन करें और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें।

अधिक धार्मिक जानकारी के लिए आप Navbharat Times Religion सेक्शन को भी फॉलो कर सकते हैं।

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