Masik Shivratri January 2026: सनातन धर्म में भगवान शिव की आराधना के लिए ‘मासिक शिवरात्रि’ का विशेष महत्व है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। चूंकि यह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार साल 2026 की पहली मासिक शिवरात्रि होगी, इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। यह व्रत विशेष रूप से माघ महीने (Magha Month) के कृष्ण पक्ष में पड़ रहा है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और निशिता काल (मध्यरात्रि) में महादेव का रुद्राभिषेक करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और मानसिक शांति प्राप्त होती है। आइए जानते हैं जनवरी 2026 में मासिक शिवरात्रि की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि।
Masik Shivratri January 2026 Date and Time (तिथि और शुभ मुहूर्त)
पंचांग के अनुसार, जनवरी 2026 में माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को यह पर्व मनाया जाएगा।
- मासिक शिवरात्रि तिथि: 16 जनवरी 2026, शुक्रवार
- चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 16 जनवरी 2026 को सुबह 10:52 बजे से
- चतुर्दशी तिथि समाप्त: 17 जनवरी 2026 को दोपहर 12:34 बजे तक
- पूजा का शुभ मुहूर्त (निशिता काल): 17 जनवरी की मध्यरात्रि 12:04 AM से 12:58 AM तक (अवधि: 54 मिनट)
चूंकि मासिक शिवरात्रि की पूजा मुख्य रूप से रात के समय (निशिता काल) में की जाती है, इसलिए 16 जनवरी को ही व्रत रखना शास्त्र सम्मत होगा।
इस महीने कई अन्य महत्वपूर्ण व्रत भी पड़ रहे हैं। उदाहरण के लिए, शिवरात्रि के ठीक बाद Mauni Amavasya 2026 आएगी, जो स्नान-दान के लिए अत्यंत पुण्यदायी मानी जाती है।
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि (Step-by-Step Rituals)
भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सरल और सात्विक पूजा विधि का पालन करें:
- प्रातः स्नान और संकल्प: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। यदि संभव हो तो पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाएं। इसके बाद हाथ में जल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें।
- मंदिर की सफाई: घर के मंदिर में शिव परिवार (शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और नंदी) की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं।
- रुद्राभिषेक: शिवलिंग का जलाभिषेक या दुग्धाभिषेक करें। ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का निरंतर जाप करते रहें।
- बेलपत्र अर्पण: भगवान शिव को 3 या 5 बेलपत्र, धतूरा, भांग और सफेद फूल अर्पित करें। ध्यान रहे कि बेलपत्र कहीं से भी कटा-फटा न हो।
- निशिता काल पूजा: मासिक शिवरात्रि का मुख्य आकर्षण मध्यरात्रि की पूजा है। इस समय शिव चालीसा या शिवाष्टक का पाठ करें।
- आरती और प्रसाद: अंत में भगवान शिव की आरती करें और भोग (जैसे खीर या फल) का वितरण करें।
यदि आप विवाह योग्य हैं और अच्छे जीवनसाथी की कामना कर रहे हैं, तो Vivah Muhurat 2026 की सूची देखने से पहले इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करें। यह व्रत वैवाहिक जीवन में सुख-शांति लाने वाला माना जाता है।
माघ मास में शिव पूजा का महत्व
जनवरी 2026 में यह शिवरात्रि माघ महीने में पड़ रही है। माघ का महीना भगवान विष्णु और सूर्य देव की उपासना के लिए जाना जाता है, लेकिन इसमें पड़ने वाली शिवरात्रि का अपना अलग महत्व है। Paush Purnima 2026 के बाद से ही माघ स्नान शुरू हो जाता है, जिससे वातावरण में पहले से ही पवित्रता होती है।
इसके अलावा, इस समय के आसपास Shattila Ekadashi 2026 का व्रत भी रखा जाएगा, जिसमें तिल का विशेष प्रयोग होता है। शिवरात्रि पर भी आप पूजा में काले तिल का उपयोग कर सकते हैं, जो शनि दोष को कम करने में सहायक माना जाता है।
इस दिन क्या न करें?
- शिवलिंग पर कभी भी तुलसी पत्र अर्पित न करें।
- केतकी के फूल भगवान शिव को चढ़ाना वर्जित है।
- व्रत के दौरान तामसिक भोजन (प्याज, लहसुन) और क्रोध से बचें।
साल की शुरुआत में भगवान शिव का आशीर्वाद लेने से पूरा साल मंगलमय बीतता है। आप अपने दोस्तों और परिवार को Happy New Year 2026 Wishes भेजते समय इस शिवरात्रि की शुभकामनाएं भी दे सकते हैं, जिससे आध्यात्मिकता का प्रसार हो।
निष्कर्ष
Masik Shivratri January 2026 न केवल शिव भक्तों के लिए बल्कि आध्यात्मिक उन्नति चाहने वाले हर व्यक्ति के लिए एक सुनहरा अवसर है। 16 जनवरी को पूरी निष्ठा के साथ महादेव की आराधना करें।
अधिक जानकारी और पंचांग अपडेट्स के लिए आप Drik Panchang या Wikipedia India पर भी विजिट कर सकते हैं। आने वाले अन्य व्रतों जैसे Sankashti Chaturthi 2026 की जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग के साथ बने रहें।











