धनतेरस 2025

धनतेरस
धन त्रयोदशी
18
अक्टूबर 2025
शनिवार
धनतेरस की पूजा
धनतेरस

धनतेरस का महत्व

धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहते हैं, दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव का पहला दिन होता है। यह दिन धन, समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य का प्रतीक है। इस दिन भगवान धन्वंतरि (जो आयुर्वेद के जनक हैं), माता लक्ष्मी (धन की देवी), और भगवान कुबेर (धन के देवता) की पूजा की जाती है।

मान्यता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी और पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है और पूरे साल धन की कमी नहीं होती। इस दिन नई वस्तुओं, विशेषकर धातु के बर्तन, सोना-चांदी, और झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।

📜 धनतेरस की पूजा विधि

धनतेरस की पूजा शाम के समय शुभ मुहूर्त में की जाती है। पूजा के लिए इन चरणों का पालन करें:

  1. घर की सफाई: शाम को पूजा से पहले घर की अच्छे से सफाई करें, खासकर पूजा स्थल और धन रखने वाली जगह की।
  2. चौकी तैयार करें: एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर चावल का ढेर बनाकर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  3. पूजा करें: भगवान धन्वंतरि को पीले फूल और चंदन अर्पित करें। माता लक्ष्मी और कुबेर जी को लाल फूल, शृंगार सामग्री, और मिठाई का भोग लगाएं।
  4. दीप जलाएं: पूजा के बाद, एक दीपक घर के मुख्य द्वार पर जलाएं और एक दीपक यमराज के लिए दक्षिण दिशा में रखें। इसे ‘यम दीपक’ कहते हैं।
  5. खरीदी गई वस्तुएं: इस दिन खरीदी गई नई वस्तुओं को भी पूजा में रखें।

📖 धनतेरस की पौराणिक कथा

धनतेरस से जुड़ी एक प्रमुख पौराणिक कथा समुद्र मंथन से संबंधित है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया, तो उसमें से चौदह रत्न निकले। तेरहवें रत्न के रूप में भगवान धन्वंतरि हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। चूंकि वह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है।

भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक माना जाता है, इसलिए इस दिन उनकी पूजा करने से अच्छे स्वास्थ्य और निरोगी जीवन का आशीर्वाद मिलता है।

🛍️ धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त और महत्व

धनतेरस पर खरीदारी का बहुत महत्व है। इस दिन शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से घर में समृद्धि आती है।

  • खरीदारी का शुभ समय: धनतेरस के दिन खरीदारी करने के लिए सबसे अच्छा समय शाम 07:44 PM से 08:34 PM तक का है।
  • क्या खरीदें: इस दिन धातु की वस्तुएं, सोना, चांदी, और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। झाड़ू खरीदना भी शुभ है, क्योंकि यह घर से दरिद्रता को दूर करता है।
  • क्या न खरीदें: इस दिन लोहे, स्टील, प्लास्टिक और कांच की वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए।

🪔 यम दीपक जलाने की परंपरा

धनतेरस के दिन यम दीपक जलाने की एक विशेष परंपरा है। यह दीपक मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित होता है।

  • क्यों जलाते हैं: मान्यता है कि इस दिन यम दीपक जलाने से परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से रक्षा होती है।
  • विधि: एक आटे का दीपक बनाकर उसमें सरसों का तेल डालें और उसे घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर रखें।

💡 धनतेरस के दिन के कुछ विशेष नियम

धनतेरस के दिन कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है:

  • स्वच्छता: धनतेरस से पहले घर की अच्छे से साफ-सफाई करें, क्योंकि माँ लक्ष्मी उसी घर में आती हैं जो स्वच्छ होता है।
  • कचरा बाहर निकालें: इस दिन घर से पुराना और बेकार सामान बाहर निकाल देना चाहिए।
  • व्यवहार: किसी से झगड़ा या अपमान नहीं करना चाहिए।

भगवान धन्वंतरि के प्रमुख नाम और उनका अर्थ

भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक और देवताओं का चिकित्सक माना जाता है। उनके कुछ प्रमुख नाम और उनके अर्थ इस प्रकार हैं:

  • अमृत कलश हस्त: इसका अर्थ है ‘अमृत का कलश धारण करने वाले’। धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे।
  • आदिदेव: इसका अर्थ है ‘प्रथम देवता’। वे आयुर्वेद के पहले और मुख्य देवता माने जाते हैं।
  • त्रैलोक्य नाथ: इसका अर्थ है ‘तीनों लोकों के स्वामी’।
  • सर्व रोग निवारण: इसका अर्थ है ‘सभी रोगों को दूर करने वाले’।
  • भयविनाशन: इसका अर्थ है ‘भय का नाश करने वाले’।

इन नामों का जाप करने से व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है।

🪔 भगवान धन्वंतरि के मंत्र

धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है:

  • धन्वंतरि मंत्र: “ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोग निवारणाय त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णु स्वरूप श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः।।” यह मंत्र सभी रोगों और भय को दूर करने वाला माना जाता है।
  • सामान्य मंत्र: “ॐ नमो भगवते धन्वंतरये नमः।” यह एक सरल मंत्र है, जिसका जाप स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए किया जा सकता है।

ये मंत्र न केवल शारीरिक रोगों को दूर करने में मदद करते हैं, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करते हैं।

🕉️ धनतेरस के दिन के मंत्र

धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि के अलावा, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा भी की जाती है। इन देवताओं को प्रसन्न करने के लिए आप इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं:

माता लक्ष्मी का मंत्र:

“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः।”

इस मंत्र का जाप करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

भगवान कुबेर का मंत्र:

“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।”

इस मंत्र का जाप करने से धन और संपत्ति की कमी दूर होती है और व्यापार में सफलता मिलती है।

🏛️ भगवान धन्वंतरि के प्रमुख मंदिर और मान्यताएं

भगवान धन्वंतरि के मंदिर बहुत कम हैं, लेकिन जो हैं, उनका विशेष महत्व है।

  • इंदौर, मध्य प्रदेश: इंदौर के आड़ा बाजार में भगवान धन्वंतरि का एक 200 साल से भी ज्यादा पुराना मंदिर है। मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा करने से आरोग्य और स्वास्थ्य लाभ मिलता है। धनतेरस के दिन यहाँ विशेष पूजा-अर्चना और जड़ी-बूटियों से अभिषेक किया जाता है।
  • वाराणसी, उत्तर प्रदेश: वाराणसी के महामृत्युंजय महादेव मंदिर परिसर में एक ‘धन्वंतरि कुआं’ है। मान्यता है कि इस कुएं का पानी पीने से कई तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है।
  • नेल्लुवाई, त्रिशूर, केरल: नेल्लुवाई में स्थित श्री धन्वंतरि मंदिर को भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यहाँ की मूर्ति की स्थापना अश्विनी देवों ने की थी।

कुबेर देव और उनकी पौराणिक कथा

धनतेरस पर माता लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की पूजा का भी विशेष महत्व है। कुबेर देव को धन और समृद्धि का संरक्षक माना जाता है।

  • कथा: पौराणिक कथाओं के अनुसार, कुबेर पूर्वजन्म में एक चोर थे। एक बार उन्होंने एक शिव मंदिर से चोरी करने की कोशिश की, लेकिन गलती से दीपक जला दिया। इस अनजाने पुण्य के कारण भगवान शिव उनसे प्रसन्न हुए और उन्हें अगले जन्म में धन का देवता बना दिया।
  • कुबेर यंत्र: धनतेरस के दिन कुबेर यंत्र की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। यह यंत्र घर में धन और सौभाग्य को आकर्षित करता है।

धनतेरस का पर्व आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाए।

आपको धनतेरस 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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