Deepfake Detection Tools 2026: भारत में Fake Videos पहचानने के लिए Best AI Software और Apps

2026 में Deepfake और AI-जनरेटेड फ्रॉड से बचने के लिए जानें बेहतरीन टूल्स और भारतीय कानूनों के बारे में। Intel FakeCatcher से लेकर Innefu Labs तक, पूरी लिस्ट यहाँ देखें।
Concept art showing a digital shield analyzing a glitched human face on a screen representing deepfake detection technology.

Quick Facts: Deepfake Detection 2026

  • Top Indian Tech: Innefu Labs और Kroop AI अब सरकारी जांच एजेंसियों की पहली पसंद हैं।
  • Global Leaders: Intel FakeCatcher अब 96% सटीकता के साथ ‘Blood Flow’ (रक्त प्रवाह) को ट्रैक करता है।
  • Legal Action: IT Rules 2021 के तहत deepfake कंटेंट को रिपोर्ट करने के 36 घंटों के भीतर हटाना अनिवार्य है।
2026 में हम एक ऐसे दौर में जी रहे हैं जहां “देखना ही विश्वास करना है” (Seeing is Believing) वाला मुहावरा अब पुराना हो चुका है। आज आपके WhatsApp पर आया किसी सेलिब्रिटी का वीडियो या आपके बॉस का वीडियो कॉल पूरी तरह से AI-जनरेटेड हो सकता है। जैसा कि हमने अपनी पिछली पोस्ट Happy New Year 2026 AI Generated Images में चर्चा की थी, AI की क्षमताएं अब इतनी बढ़ चुकी हैं कि असली और नकली का फर्क करना नंगी आंखों से लगभग नामुमकिन है। भारत में Deepfake के मामले न केवल मनोरंजन तक सीमित हैं, बल्कि अब यह वित्तीय धोखाधड़ी और स्टॉक मार्केट मैनिपुलेशन का एक बड़ा हथियार बन गए हैं। अगर आप स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं, तो आपने हमारे AI Stock Market Analysis 2026 Guide में पढ़ा होगा कि कैसे स्कैमर्स CEO के फर्जी वीडियो बनाकर शेयर की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं। इस खतरे से निपटने के लिए आज हम बात करेंगे 2026 के सबसे बेहतरीन Deepfake Detection Tools के बारे में जो भारतीय यूजर्स के लिए उपलब्ध हैं।

1. Global Giants: दुनिया के सबसे ताकतवर Deepfake Detectors

बड़ी टेक कंपनियों ने 2026 में deepfake पहचान को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है। ये टूल्स न केवल वीडियो के पिक्सेल देखते हैं, बल्कि इंसान की जैविक निशानियों (biological signs) को भी स्कैन करते हैं।

Intel FakeCatcher

Intel का यह टूल आज भी इंडस्ट्री लीडर बना हुआ है। यह वीडियो में चेहरे की नसों में होने वाले रक्त प्रवाह (blood flow) के सूक्ष्म बदलावों को पहचानता है। चूंकि deepfake एआई अभी भी इंसान की धड़कन के साथ बदलती त्वचा के रंग (PPG signals) को पूरी तरह कॉपी नहीं कर पाया है, Intel इसे 96% सटीकता के साथ पकड़ लेता है।
Intel FakeCatcher interface analyzing blood flow signals on a face
Intel FakeCatcher नसों में रक्त प्रवाह को स्कैन करके असली और नकली में फर्क करता है।

Microsoft Video Authenticator

Microsoft का यह टूल विशेष रूप से मीडिया और न्यूज़ रूम्स के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह वीडियो के हर फ्रेम का विश्लेषण करता है और एक ‘Confidence Score’ देता है कि वीडियो मैनिपुलेटेड है या नहीं। यह उन किनारों (blending boundaries) को पकड़ता है जहां एआई ने किसी और का चेहरा चिपकाया होता है।

2. Made in India: स्वदेशी AI सुरक्षा कवच

हमें गर्व होना चाहिए कि भारतीय स्टार्टअप्स भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। भारत सरकार की ‘Safe & Trusted AI’ पहल के तहत कई देशी कंपनियों ने बेहतरीन काम किया है।

Innefu Labs

दिल्ली स्थित Innefu Labs भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक भरोसेमंद नाम है। इनका ‘Auth Shield’ और वीडियो एनालिटिक्स टूल्स न केवल deepfake को पहचानते हैं बल्कि वॉयस क्लोनिंग (Voice Cloning) को भी डिटेक्ट कर सकते हैं। यह टूल विशेष रूप से लॉ एनफोर्समेंट और बैंकिंग सेक्टर में KYC फ्रॉड रोकने के लिए इस्तेमाल हो रहा है।</2> शादी के सीजन में भी अब AI का इस्तेमाल बढ़ गया है, जैसा कि हमने 2026 Wedding Invitation Guide में बताया था, लेकिन साइबर अपराधी इसका फायदा उठाकर फर्जी वीडियो कॉल्स के जरिए ‘शगुन’ या पैसों की मांग कर रहे हैं। ऐसे में Kroop AI जैसे टूल्स बहुत काम आते हैं।

Kroop AI

गांधीनगर स्थित यह स्टार्टअप विशेष रूप से ऑडियो-विजुअल डीपफेक डिटेक्शन पर काम करता है। इनका सिस्टम वीडियो में लिप-सिंक (lip-sync) की गड़बड़ियों को पकड़ने में माहिर है।
Innefu Labs cybersecurity dashboard detecting deepfake threats in India
Innefu Labs के टूल्स भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को वॉइस क्लोनिंग और वीडियो फ्रॉड से बचाते हैं।

3. आम यूजर्स के लिए Free/Paid Apps

क्या आप भी अपने फोन पर किसी वीडियो की सच्चाई जानना चाहते हैं? यहाँ कुछ ऐप्स हैं जो आम जनता के लिए उपलब्ध हैं:
  • Deepware Scanner: यह एक ओपन-सोर्स टूल है जहां आप संदिग्ध वीडियो का लिंक पेस्ट कर सकते हैं। यह कई मॉडल्स का उपयोग करके बताता है कि वीडियो फेक है या नहीं।
  • Sensity AI: यह एक प्रीमियम टूल है जो न केवल डीपफेक बल्कि ‘Identity Theft’ को भी ट्रैक करता है। आप इनकी आधिकारिक वेबसाइट Sensity.ai पर जाकर डेमो देख सकते हैं।

Expert Pro-Tip

अगर आपको किसी वीडियो कॉल पर शक हो, तो सामने वाले व्यक्ति को अपना हाथ चेहरे के सामने घुमाने या साइड में देखने (profile view) के लिए कहें। एआई मॉडल्स अक्सर चेहरा ढकने या साइड एंगल पर ‘ग्लिच’ (glitch) कर जाते हैं और उनका मास्क हट जाता है।

4. क्या करें अगर आप Deepfake का शिकार हो जाएं?

भारत सरकार ने डीपफेक के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। अगर आपको अपनी या किसी और की आपत्तिजनक या फर्जी वीडियो मिलती है, तो तुरंत कार्रवाई करें।

Your Action Checklist

  • Step 1: वीडियो का स्क्रीनशॉट और लिंक सेव करें।
  • Step 2: भारत सरकार के CyberCrime.gov.in पोर्टल पर ‘Report Anonymously’ या ‘Report & Track’ विकल्प चुनकर शिकायत दर्ज करें।
  • Step 3: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Instagram/X/Facebook) पर उस पोस्ट को ‘False Information’ या ‘Impersonation’ के तहत रिपोर्ट करें।
  • Step 4: अगर मामला वित्तीय धोखाधड़ी का है, तो 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें।
तकनीक के इस दौर में सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। चाहे वह Paush Purnima 2026 के दौरान आने वाले फर्जी दान के वीडियो हों या Vivah Muhurat 2026 के नाम पर होने वाले ऑनलाइन फ्रॉड, सही जानकारी और टूल्स का इस्तेमाल आपको सुरक्षित रखेगा।
Reporting deepfake on CyberCrime.gov.in mobile portal
किसी भी साइबर अपराध की शिकायत CyberCrime.gov.in पर तुरंत दर्ज करें।
2026 में डिजिटल साक्षरता का मतलब सिर्फ कंप्यूटर चलाना नहीं, बल्कि सच और झूठ में फर्क करना भी है। इन टूल्स को आज ही बुकमार्क करें और अपने परिवार को भी जागरूक करें।

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