Pradosh Vrat Calendar 2026: महादेव के भक्तों के लिए विशेष तिथियां और महत्व

वर्ष 2026 के लिए भगवान शिव के प्रिय प्रदोष व्रत की सभी महत्वपूर्ण तिथियां जानें। इस लेख में आपको प्रदोष व्रत का महत्व, पूजा विधि और हर दिन के अनुसार मिलने वाले विशेष लाभ की पूरी जानकारी मिलेगी, ताकि आप महादेव की कृपा प्राप्त कर सकें।
Lord Shiva and Nandi with devotees performing prayers during Pradosh Kaal sunset, highlighting a calendar of auspicious Pradosh Vrat dates for 2026.

क्या आप भी उन शिव भक्तों में से हैं, जो हर माह भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत का इंतजार करते हैं? यदि हाँ, तो यह जानकारी आपके लिए है। अक्सर लोग सही तिथि और मुहूर्त को लेकर भ्रमित रहते हैं, जिससे व्रत का पूरा लाभ नहीं मिल पाता। लेकिन अब और नहीं! 2026 में आने वाले सभी प्रदोष व्रतों की सटीक तिथियां, उनका महत्व और आपकी पूजा को और भी फलदायी बनाने के लिए यहाँ प्रस्तुत है।

💡 Key Insights

  • प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को सूर्यास्त के समय (प्रदोष काल) में भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है।
  • प्रत्येक वार (दिन) के अनुसार प्रदोष व्रत का विशेष महत्व और फल होता है, जैसे सोम प्रदोष मनचाही इच्छाओं की पूर्ति के लिए होता है।
  • वर्ष 2026 में 1 जनवरी को गुरु प्रदोष और 10 अगस्त को सोम प्रदोष जैसे कई महत्वपूर्ण प्रदोष व्रत पड़ रहे हैं।

प्रदोष व्रत: शिव कृपा का अनमोल अवसर

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अत्यंत विशेष स्थान है। यह व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी असीम कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे फलदायी माना जाता है। हर चंद्र मास में दो त्रयोदशी तिथियां होती हैं, एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। इन दोनों ही तिथियों पर प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। माना जाता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव कैलाश पर्वत पर आनंदित होकर नृत्य करते हैं, और इस समय उनकी पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

विशेष रूप से, सप्ताह के जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है, उसके आधार पर इसका महत्व बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए, सोम प्रदोष मन की शांति और मनोकामना पूर्ति के लिए, भौम प्रदोष कर्ज से मुक्ति के लिए, और शनि प्रदोष संतान प्राप्ति के लिए विशेष फलदायी होता है। यदि आप वर्ष 2025 के बुध प्रदोष व्रत के बारे में जानना चाहते हैं, तो आप हमारे बुद्धि और सफलता के लिए बुध प्रदोष व्रत 2025 लेख को पढ़ सकते हैं।

2026 प्रदोष व्रत कैलेंडर: जानिए सभी तिथियां

यहां वर्ष 2026 के लिए सभी प्रदोष व्रतों की तिथियों का विस्तृत कैलेंडर दिया गया है, ताकि आप अपनी पूजा और उपवास की योजना पहले से बना सकें।

दिनांकदिनव्रत का नाम (पक्ष)महत्व एवं लाभ
जनवरी 1गुरुवारगुरु प्रदोष व्रत (शुक्ल)शत्रुओं का नाश, ज्ञान व आध्यात्मिक उन्नति।
जनवरी 16शुक्रवारशुक्र प्रदोष व्रत (कृष्ण)सौभाग्य वृद्धि, दांपत्य सुख।
जनवरी 30शुक्रवारशुक्र प्रदोष व्रत (शुक्ल)सौभाग्य वृद्धि, दांपत्य सुख।
फरवरी 14शनिवारशनि प्रदोष व्रत (कृष्ण)संतान प्राप्ति, शनि दोष से मुक्ति।
मार्च 1रविवाररवि प्रदोष व्रत (शुक्ल)आरोग्य, आयु वृद्धि।
मार्च 16सोमवारसोम प्रदोष व्रत (कृष्ण)मनोकामना पूर्ति, मानसिक शांति।
मार्च 30सोमवारसोम प्रदोष व्रत (शुक्ल)मनोकामना पूर्ति, मानसिक शांति।
अप्रैल 15बुधवारबुध प्रदोष व्रत (कृष्ण)समस्त कामना सिद्धि।
अप्रैल 28मंगलवारभौम प्रदोष व्रत (शुक्ल)कर्ज मुक्ति, स्वास्थ्य लाभ।
मई 14गुरुवारगुरु प्रदोष व्रत (कृष्ण)शत्रुओं का नाश, ज्ञान व आध्यात्मिक उन्नति।
मई 28गुरुवारगुरु प्रदोष व्रत (शुक्ल)शत्रुओं का नाश, ज्ञान व आध्यात्मिक उन्नति।
जून 12शुक्रवारशुक्र प्रदोष व्रत (कृष्ण)सौभाग्य वृद्धि, दांपत्य सुख।
जून 27शनिवारशनि प्रदोष व्रत (शुक्ल)संतान प्राप्ति, शनि दोष से मुक्ति।
जुलाई 12रविवाररवि प्रदोष व्रत (कृष्ण)आरोग्य, आयु वृद्धि।
जुलाई 26रविवाररवि प्रदोष व्रत (शुक्ल)आरोग्य, आयु वृद्धि।
अगस्त 10सोमवारसोम प्रदोष व्रत (कृष्ण)मनोकामना पूर्ति, मानसिक शांति।
अगस्त 25मंगलवारभौम प्रदोष व्रत (शुक्ल)कर्ज मुक्ति, स्वास्थ्य लाभ।
सितंबर 8मंगलवारभौम प्रदोष व्रत (कृष्ण)कर्ज मुक्ति, स्वास्थ्य लाभ।
सितंबर 24गुरुवारगुरु प्रदोष व्रत (शुक्ल)शत्रुओं का नाश, ज्ञान व आध्यात्मिक उन्नति।
अक्टूबर 8गुरुवारगुरु प्रदोष व्रत (कृष्ण)शत्रुओं का नाश, ज्ञान व आध्यात्मिक उन्नति।
अक्टूबर 23शुक्रवारशुक्र प्रदोष व्रत (शुक्ल)सौभाग्य वृद्धि, दांपत्य सुख।
नवंबर 6शुक्रवारशुक्र प्रदोष व्रत (कृष्ण)सौभाग्य वृद्धि, दांपत्य सुख।
नवंबर 22रविवाररवि प्रदोष व्रत (शुक्ल)आरोग्य, आयु वृद्धि।
दिसंबर 6रविवाररवि प्रदोष व्रत (कृष्ण)आरोग्य, आयु वृद्धि।
दिसंबर 21सोमवारसोम प्रदोष व्रत (शुक्ल)मनोकामना पूर्ति, मानसिक शांति।

प्रत्येक प्रदोष व्रत का अपना अनूठा महत्व होता है। इन शुभ तिथियों पर भगवान शिव की विशेष पूजा और अर्चना करके आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति ला सकते हैं। इसके अलावा, पौष मासिक शिवरात्रि 2025 भी भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसे भक्तगण बड़ी श्रद्धा के साथ मनाते हैं।

प्रदोष व्रत पूजा विधि: कैसे करें महादेव को प्रसन्न?

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद और रात्रि के आने से पहले का समय) में की जाती है। इस दौरान शिव मंदिरों में विशेष अनुष्ठान और दीपदान किए जाते हैं।

✅ Actionable Steps: What You Should Do

  • सुबह स्नान करें और संकल्प लें: व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • प्रदोष काल में पूजा करें: सूर्यास्त से ठीक पहले दोबारा स्नान करें। शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर का पंचामृत चढ़ाएं। बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, सफेद फूल और चंदन अर्पित करें। धूप-दीप जलाएं।
  • मंत्र जाप और आरती: ‘ॐ नमः शिवाय’ या महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें। शिव चालीसा का पाठ करें और अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें। व्रत कथा सुनें या पढ़ें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रदोष व्रत क्या होता है?

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक महत्वपूर्ण उपवास है। यह हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का समय) में रखा जाता है।

2026 में कितने प्रदोष व्रत हैं?

वर्ष 2026 में कुल 24 प्रदोष व्रत हैं, जो प्रत्येक चंद्र मास के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ते हैं।

प्रदोष व्रत का सबसे अच्छा दिन कौन सा होता है?

प्रत्येक दिन के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। हालांकि, सोमवार को पड़ने वाला सोम प्रदोष व्रत और शनिवार को पड़ने वाला शनि प्रदोष व्रत अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

प्रदोष व्रत के दिन क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

प्रदोष व्रत के दिन भक्त फलाहार कर सकते हैं या एक समय सात्विक भोजन ग्रहण कर सकते हैं। नमक और अनाज का सेवन आमतौर पर नहीं किया जाता, हालांकि यह व्यक्तिगत मान्यताओं पर निर्भर करता है।

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