2026 Purnima Calendar: 13 शुभ तिथियाँ और आपके लिए उनका महत्व

2026 में अधिक मास के कारण 13 पूर्णिमाएँ पड़ने वाली हैं। यह लेख आपको इन सभी शुभ तिथियों, उनके महत्व और आपके जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों की पूरी जानकारी देता है। जानें पौष, फाल्गुन, वैशाख, अधिक, गुरु और शरद पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण दिनों के बारे में।
Luminous full moon in a night sky with silhouettes of people performing rituals or meditations, and moon phases integrated into a yearly calendar for 2026.
अगर आप सोचते हैं कि हर साल 12 पूर्णिमाएँ होती हैं, तो 2026 आपको चौंकाने वाला है! जी हाँ, आने वाले साल में आपको पूरे 13 पूर्णिमा के दिव्य अवसर मिलेंगे। यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना है जो ‘अधिक मास’ के कारण संभव हुई है। कल्पना कीजिए, चंद्रमा की पूर्ण रोशनी से सराबोर एक अतिरिक्त रात, जो आपके आध्यात्मिक और व्यक्तिगत विकास के लिए नए द्वार खोल सकती है।
💡 Key Insights
  • वर्ष 2026 में अधिक मास के कारण कुल 13 पूर्णिमा तिथियाँ होंगी, जो सामान्य 12 से अधिक हैं।
  • प्रत्येक पूर्णिमा का अपना विशिष्ट महत्व और व्रत-त्योहार होता है, जैसे पौष पूर्णिमा, फाल्गुन पूर्णिमा (होली), वैशाख पूर्णिमा (बुद्ध पूर्णिमा) और शरद पूर्णिमा।
  • अधिक मास में पड़ने वाली पूर्णिमा विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा और दान-पुण्य के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।

2026 में क्यों हैं 13 पूर्णिमाएँ? अधिक मास का रहस्य

हिंदू पंचांग चंद्रमा की गति पर आधारित होता है, जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर सूर्य की गति का अनुसरण करता है। चंद्र वर्ष सौर वर्ष से लगभग 11 दिन छोटा होता है। इस अंतर को समायोजित करने और त्योहारों को ऋतुओं के साथ संरेखित रखने के लिए, हर लगभग 32 महीने में एक अतिरिक्त चंद्र मास जोड़ा जाता है, जिसे अधिक मास या पुरुषोत्तम मास कहा जाता है। 2026 में, ज्येष्ठ माह में अधिक मास पड़ रहा है, जिससे दो ज्येष्ठ पूर्णिमाएँ होंगी। इसी कारण 2026 में आपको पूरे 13 पूर्णिमा के दिन मिलेंगे, जो आध्यात्मिक साधना और शुभ कार्यों के लिए अतिरिक्त अवसर प्रदान करेंगे।

पूर्णिमा का महत्व: आत्मिक शांति और समृद्धि का दिन

पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। यह वह दिन है जब चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं में होता है, जो मन, भावनाओं और आध्यात्मिक चेतना पर गहरा प्रभाव डालता है। इस दिन व्रत रखने, स्नान-दान करने, सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने और चंद्र देव की पूजा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा को नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने और सकारात्मकता को आकर्षित करने का एक आदर्श समय माना जाता है। पूर्णिमा व्रत शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी सिद्ध होता है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और चयापचय दर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यदि आप पूर्णिमा और अमावस्या जैसे महत्वपूर्ण चंद्र तिथियों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो हमारा लेख ‘पौष अमावस्या 2025: पितरों की शांति और समृद्धि का महापर्व‘ अवश्य पढ़ें, जहाँ आपको अमावस्या के महत्व और अनुष्ठानों की विस्तृत जानकारी मिलेगी।

2026 पूर्णिमा कैलेंडर: तिथि, दिन और विशेष महत्व

यहां 2026 की सभी 13 पूर्णिमा तिथियों की विस्तृत सूची दी गई है, ताकि आप अपनी आध्यात्मिक यात्रा की योजना बना सकें:
दिनांक पूर्णिमा का नाम दिन महत्वपूर्ण त्योहार/विशेषता
3 जनवरी 2026 पौष पूर्णिमा शनिवार शाकंभरी पूर्णिमा, माघ स्नान का प्रारंभ।
1 फरवरी 2026 माघ पूर्णिमा रविवार माघ स्नान का समापन, गुरु रविदास जयंती।
3 मार्च 2026 फाल्गुन पूर्णिमा मंगलवार होली पूर्णिमा, होलिका दहन, बसंत पूर्णिमा।
2 अप्रैल 2026 चैत्र पूर्णिमा गुरुवार हनुमान जयंती, सत्यनारायण पूजा।
1 मई 2026 वैशाख पूर्णिमा शुक्रवार बुद्ध पूर्णिमा, कूर्म जयंती।
30 मई 2026 अधिक पूर्णिमा (अधिक ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत) शनिवार पुरुषोत्तम मास की पूर्णिमा, भगवान विष्णु की विशेष पूजा।
29 जून 2026 ज्येष्ठ पूर्णिमा (निज ज्येष्ठ पूर्णिमा) सोमवार वट पूर्णिमा व्रत, कबीर जयंती।
29 जुलाई 2026 आषाढ़ पूर्णिमा बुधवार गुरु पूर्णिमा, व्यास पूजा।
28 अगस्त 2026 श्रावण पूर्णिमा शुक्रवार रक्षा बंधन, संस्कृत दिवस।
26 सितंबर 2026 भाद्रपद पूर्णिमा शनिवार उमा महेश्वर व्रत।
26 अक्टूबर 2026 अश्विन पूर्णिमा सोमवार शरद पूर्णिमा, कौमुदी व्रत, अमृत वर्षा की मान्यता।
24 नवंबर 2026 कार्तिक पूर्णिमा मंगलवार देव दिवाली, पुष्कर मेला, गुरु नानक जयंती।
23 दिसंबर 2026 मार्गशीर्ष पूर्णिमा बुधवार दत्तात्रेय जयंती, भगवान विष्णु को समर्पित।

नोट: पूर्णिमा की तिथियां और समय स्थान के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकते हैं। सटीक जानकारी के लिए स्थानीय पंचांग देखें।

प्रमुख पूर्णिमाओं का विशेष महत्व

  • पौष पूर्णिमा (3 जनवरी): इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है, खासकर त्रिवेणी संगम पर। यह कल्पवास का आरंभ भी होता है।
  • फाल्गुन पूर्णिमा (3 मार्च): रंगों का त्योहार होली इसी दिन होलिका दहन के साथ मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
  • वैशाख पूर्णिमा (1 मई): इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, जो भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण का प्रतीक है।
  • अधिक पूर्णिमा (30 मई): यह दुर्लभ पूर्णिमा भगवान विष्णु की पूजा, जप, तप और दान-पुण्य के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है।
  • गुरु पूर्णिमा (29 जुलाई): यह दिन गुरुओं को समर्पित है, जब शिष्य अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
  • रक्षा बंधन पूर्णिमा (28 अगस्त): श्रावण पूर्णिमा पर भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षा बंधन मनाया जाता है।
  • शरद पूर्णिमा (26 अक्टूबर): मान्यता है कि इस रात चंद्रमा की किरणों से अमृत टपकता है। खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने की परंपरा है।

✅ Actionable Steps: What You Should Do

  • अपनी पूर्णिमा तिथियों को चिह्नित करें: 2026 के लिए इस पूर्णिमा कैलेंडर को अपने व्यक्तिगत कैलेंडर में जोड़ें ताकि आप कोई भी महत्वपूर्ण तिथि न भूलें।
  • शुभ अनुष्ठानों की योजना बनाएँ: पूर्णिमा के दिन स्नान, दान, ध्यान या सत्यनारायण कथा जैसे अनुष्ठानों में से किसी एक को अपनी क्षमता अनुसार करें।
  • आध्यात्मिक लाभ उठाएँ: पूर्णिमा की ऊर्जा का उपयोग आत्मचिंतन, प्रार्थना और नकारात्मक विचारों से मुक्ति पाने के लिए करें, क्योंकि यह दिन सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होता है।

Frequently Asked Questions

प्रश्न: अधिक मास क्या है और यह क्यों आता है?

उत्तर: अधिक मास (या पुरुषोत्तम मास) हिंदू पंचांग में एक अतिरिक्त महीना होता है, जो चंद्र और सौर कैलेंडर के बीच के अंतर को संतुलित करने के लिए लगभग हर 32 महीने में आता है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसमें किए गए धार्मिक कार्यों का विशेष फल मिलता है।

प्रश्न: पूर्णिमा व्रत कैसे रखा जाता है?

उत्तर: पूर्णिमा व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और शाम को चंद्रमा दर्शन के बाद समाप्त होता है। इस दिन चावल, अनाज, दाल और नमक का सेवन नहीं किया जाता है। कई लोग केवल फलाहार करते हैं या निर्जल व्रत रखते हैं।

प्रश्न: क्या सभी पूर्णिमाएँ समान रूप से महत्वपूर्ण होती हैं?

उत्तर: सभी पूर्णिमाएँ शुभ होती हैं, लेकिन कुछ का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व अधिक होता है, जैसे फाल्गुन पूर्णिमा (होली), वैशाख पूर्णिमा (बुद्ध पूर्णिमा), आषाढ़ पूर्णिमा (गुरु पूर्णिमा) और शरद पूर्णिमा। प्रत्येक पूर्णिमा विशेष देवी-देवताओं और त्योहारों से जुड़ी होती है।

प्रश्न: 2026 में अधिक पूर्णिमा कब है?

उत्तर: 2026 में अधिक पूर्णिमा 30 मई को पड़ रही है, जो अधिक ज्येष्ठ मास के दौरान आएगी। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा और दान के लिए अत्यंत शुभ है।

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