🌕 गुरु पूर्णिमा 2025: गुरु के चरणों में समर्पण का पर्व

गुरु पूर्णिमा भारतीय संस्कृति का एक अत्यंत पवित्र और भावनात्मक पर्व है, जो गुरु के प्रति श्रद्धा, सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने का दिन है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि जीवन में एक सच्चे मार्गदर्शक का क्या महत्व होता है।
📅 गुरु पूर्णिमा 2025 कब है?
गुरु पूर्णिमा 2025 10 जुलाई, बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी। यह दिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को आता है और इसका विशेष महत्व अध्यात्मिक और शैक्षिक दोनों ही दृष्टियों से होता है।
🙏 गुरु का महत्व
“गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरः।
गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरवे नमः॥”
गुरु केवल शिक्षा देने वाला नहीं, बल्कि हमारे जीवन के अंधकार को मिटाकर प्रकाश की ओर ले जाने वाला पथप्रदर्शक होता है।
📖 गुरु पूर्णिमा का ऐतिहासिक महत्व
- महर्षि वेदव्यास का जन्म इसी दिन हुआ था। इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
- बौद्ध धर्म में यह दिन वह माना जाता है जब भगवान बुद्ध ने पहला उपदेश दिया था।
- जैन धर्म में यह दिन भगवान महावीर के पहले शिष्य को ज्ञान प्राप्ति का दिन माना जाता है।
🪔 गुरु पूर्णिमा कैसे मनाई जाती है?
- गुरुओं को फूल, फल, वस्त्र व उपहार भेंट किए जाते हैं।
- शिष्य व्रत रखते हैं और सत्संग व उपदेश सुनते हैं।
- आश्रमों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- छात्र अपने शिक्षकों से आशीर्वाद लेते हैं।
💡 गुरु पूर्णिमा पर क्या संकल्प लें?
- अपने जीवन में अनुशासन और सकारात्मकता लाने का।
- गुरु के बताए मार्ग पर चलने का।
- सच्चाई और सेवा को अपनाने का।
✨ गुरु पूर्णिमा पर विशेष संदेश
“जीवन में चाहे कितनी भी समस्याएँ क्यों न हों, यदि एक सच्चा गुरु साथ हो, तो हर राह आसान हो जाती है। इस गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु को धन्यवाद दें, जिन्होंने आपको आत्मज्ञान और सच्चा रास्ता दिखाया।”
📝 अंतिम विचार
गुरु पूर्णिमा 2025 हमें जीवन में ज्ञान, मार्गदर्शन और मूल्यों का महत्व समझाता है। इस दिन हम उन सभी को नमन करते हैं जिन्होंने हमें सिखाया – चाहे वे हमारे माता-पिता, शिक्षक, गुरु या जीवन के अनुभव हों।