Shattila Ekadashi 2024 : षटतिला एकादशी 

षटतिला एकादशी 2024

Shattila Ekadashi 2024 : षटतिला एकादशी 

षटतिला एकादशी 2024
06 Feb

षटतिला एकादशी 2024

  • 12:00 am
  • India

06 फरवरी 2024 Tuesday / मंगलवार

षटतिला एकादशी एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और छह तरह के तिल का उपयोग करके विभिन्न अनुष्ठान किए जाते हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से पापों का नाश होता है, ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

षटतिला एकादशी की तिथि और मुहूर्त:

  • तिथि: षटतिला एकादशी 2024 में मंगलवार, 6 फरवरी को मनाई जाएगी। यह माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पड़ती है।
  • शुभ मुहूर्त: दिन में 09:13 मिनट से लेकर 10:49 मिनट तक का समय षटतिला एकादशी पूजा के लिए शुभ माना जाता है।

षटतिला एकादशी की पौराणिक कथा :

षटतिला एकादशी के महत्व के बारे में कई पौराणिक कथाएँ हैं। एक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक ब्राह्मणी थी जो बहुत ही धार्मिक और पुण्यवान थी। वह नियमित रूप से व्रत और पूजा करती थी। एक दिन वह एक महीने तक लगातार व्रत करती रही। इससे उसका शरीर बहुत दुर्बल हो गया। भगवान विष्णु को ब्राह्मणी की दया आई। वे भिखारी के रूप में ब्राह्मणी के घर गए और उससे भिक्षा मांगी। ब्राह्मणी ने भिक्षा देने से मना कर दिया। भगवान विष्णु ने कहा कि वह एक महीने से व्रत कर रही है, फिर भी वह भिक्षा देने से क्यों मना कर रही है। ब्राह्मणी ने बताया कि वह एक महीने से लगातार व्रत कर रही है और इसलिए वह बहुत कमजोर हो गई है। वह किसी को भी भिक्षा नहीं दे सकती।

भगवान विष्णु ने कहा कि उसे भिक्षा में कुछ भी देने की जरूरत नहीं है। उसे केवल छह तरह के तिल देना चाहिए। ब्राह्मणी ने छह तरह के तिल भगवान विष्णु को दिए। भगवान विष्णु ने तिल ग्रहण किए और ब्राह्मणी को आशीर्वाद दिया। भगवान विष्णु के आशीर्वाद से ब्राह्मणी का शरीर स्वस्थ हो गया। उसने फिर से व्रत करना शुरू किया और भगवान विष्णु की पूजा करने लगी।

षटतिला एकादशी के दिन तिल का उपयोग करके किए जाने वाले कुछ अनुष्ठान निम्नलिखित हैं:

  • तिल से स्नान करना: षटतिला एकादशी के दिन तिल से स्नान करने से शरीर को कई तरह के लाभ होते हैं। तिल से स्नान करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और त्वचा चमकदार होती है।
  • तिल का दान करना: षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। तिल का दान करने से ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  • तिल से भगवान विष्णु की पूजा करना: षटतिला एकादशी के दिन तिल से भगवान विष्णु की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। तिल से भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

षटतिला एकादशी के दिन छह तरह के तिल का उपयोग करने का विशेष महत्व है। ये छह तरह के तिल निम्नलिखित हैं:

  • काले तिल
  • सफेद तिल
  • भुने हुए तिल
  • तिल के तेल
  • तिल के लड्डू
  • तिल का दान

षटतिला एकादशी के दिन इन छह तरह के तिल का उपयोग करके विभिन्न अनुष्ठान किए जा सकते हैं। इन अनुष्ठानों से व्रत का महत्व बढ़ जाता है और व्रती को अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है।

तिल का दान करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जा सकती है:

  • किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को तिल दान करें।
  • तिल का दान करते समय निम्नलिखित मंत्र बोलें:

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

2024 में एकादशी व्रत की तिथियां || आज की तिथि || प्रदोष व्रत 2024 || मासिक शिवरात्रि व्रत 2024 || संकष्टी चतुर्थी 2024

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